संसार सागर - आनंद तट
हर एक इनसान हमेशा खुद का जिंदगी से लड़ते रहता हैं। ये बात मुझसे सहमत करना ही पडेगा मेरा प्रिय मित्रो। मुझको मेरा पूरा जिंदगी एक कहानी जैसा लग रहा हैं लेकिन अपना जीवन एक नदी के प्रवाह जैसा ही हैं निरंतर, निर्मल, निष्कठिन, नीलवर्ण , और निरन्तरऊर्जित। एक बात बताना आप लोगोंको मित्रो की क्यों संसार में भले ही हम नाराज हो हर पल में तो समस्या हमारा आदत बन के तोड़ी न आता है। हर एक समस्या को समाधाम / उत्तर हमें ही दे सकते हैं कोई दूसरा व्यक्ति नहीं दे सकता हैं क्योंकि उस का जीवन में उसकी समस्याये रहती हैं। अपना समस्यओंका उत्तर कौन देगा अगर वो हमका जीवन साती रहे ग तो ?
ध्यान साधना देती हैं हमको एक नया बेहतरीन शक्ति और वो एक नया ऊर्जा भी हैं। भगवान का शक्ति और प्राकृत की शक्ति सम्मिलित होने से होगा एक नया संसार इसको कहना हैं " योग" यानी "योगम्" हैं।
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